वो _प्यार ही क्या जिसे अल्फाजों से बयां किया जाएं-

हेलो दोस्तों ,
में अपने जीवन की एक छोटी सी कहानी आपके साथ साझा करने जा रहा हूं।
में हिंदुस्तान का हृदय कहे जाने वाले मध्य प्रदेश की पावन नगरी बाबा महाकाल के दरबार उज्जैन नगरी से हूं।
मेरा नाम पंकज कुमारिया है। में इसी शहर के एक छोटे से गांव से हूं ।
मेरे जीवन में प्रेम का एहसास समय से पहले ही शुरू हो गया था। में प्रेम अटूट बंधन में बंधने लग गया था। समय के साथ मेरी सोच विकसित होने लगी । अब मुझे भी लड़कियों को देखकर वो एहसास आने लगे जो एक वयस्क प्रेमी युगल को आते है।
में जब क्लास 8 वीं में था। जब में गर्मी की छुट्टियों में अपने खेत पर बकरी चराने जाया करता था। ओर मेरे साथ एक लड़की भी बकरी चराने आती थी। अब हम दिन भर साथ में रहते थे। बहुत सारी बाते भी करते थे। वो लड़की मुझसे कुछ आगे थी इस मामले में।
उसे फ्लाईंग किस करना आते थे । वो मुझे देखते ही हवा में 😘 देती थी । उस 😘 किस में उछल कर पकड़ लेता ओर अपने होटों से लगा लेता था । बड़ा सुकून मिलता था। प्यार तो मैने कर लिया पर परेशानी कुछ यू बडी की अब में उसे एक खत लिख कर अपने दिल की बातें
बताओ । उसे ई लव यू...
आपका मित्र
पंकज कुमार