वेसे तो हर कोई अपने जिंदगी मे प्यार करता है. पर निभाते सिँर्फ कुछ लोग हि होते हे. मेरा प्यार भी कुछ ऐसा ही था मेरा नाम शुभम है जिँदगी के 15 साल तो जी चुका था और मेरी जिंदगी ने मोड ले लिया एक दिन मे रास्ते चल रहा था और मेरे पिछेसे एक कार आई और मेरे पास ही रुकी मेने ध्यान नही दिया तो कार एक आदमी उतरा और मुझे मेरे ही घर के सामने वाले घर का पता पुछा मेने उनको बता दिया और वो THANKS बोल कार मे बेठे और मेने तभी कार मे एक लडकी को देखा देखते ही मुझे कुछ हुआ पता नही मेने उन्हे कार रोकने को बोली और बोला की मे भी तुम्हारे साथ आता हू तो ओ बोले की ठिक है तो मे कार मे गाया मे आगे वाले सीठ पे बेठा था आयने मे उसे ही देख रहा था पर मे उससे बात नही कर रहा था तभी उसके पिता (जो गाडी चला रहे थे ) उन्होने मेरा नाम पुछा मेने बता दाया और वो मेरी पुरी जानकारी ले रहे थे मे उस लडकी नाम पुछता तभी घर आया मेने नाम नही पुछा मे गया अपने घर मे आज बहोत खुश था रात भर मे सो नही सका मे बार बार मेरे रुम से उसके घर को देख रहा था . . . फिर अगले दिन मे सुबाह घर से बाहर निकला तो वो मुझे दिखी वो इतनी सुंदर दिख रही थी की मे पल अपने होश ही गवा बेठा फिर मे अपने स्कुल की तयारी कर के स्कुल के लिये निकला ओर वो रस्ते पे आयी उसको मेने उसका नाम पुछा तो उसने कहा की मेरा नाम श्रुतिका है . और वो निकल गयी.मे भी स्कुल को गया पर मे आधे रास्तेही उसको देखने के लिये वापस आया तो वो भी स्कुल के लिये निकली थी मे छुप कर उसकी राह देख रहा था वो आयी और मे भी वहा...
से उसके आगे गया मुझे पता था की वो मुझे बुलाये गी क्योकी वो यहा पे नयी थी और मुझे जो चाहिये था वो हुआ उसने मुझे बुलाया और मे गया वो बोली शुभम मे यहा पे नयी हू मुझे प्लीज स्कुल तक छोड दो मे कहा ठिक है और हम निकले मेने उससे रास्ते मे कुछ भी नही पुछा और उसने भी नही स्कुल मे पोहंचे और मे मेरी क्लास मे गया और फिर कुछ देर बाद वो भी मेरेही क्लास मे आयी मे बहोत खुश हुआ फिर रोज हम दोनो स्कूल मे एकसाथ आते थे और जाते थे एक दिन वो मुझे बोली की क्या तुम मेरे firend बनोगे मेना कहा ठिक है और उस दिन से मे और वो बहोत क्लोज हो गये मे उसके घर रोज जाने लगा मे उससे बहोत प्यार करने लगा था पर मे केहने के लिये डर रहा था एक दिन मे उसको बता ने के लिया गया तभी वो मेरे हाथ मे एक कागद रक के गयी मेने वो कागद ठिक से देखा ही नही मेने वो दो दीन बाद खोला तो उसमे लिखा था . . . . . मेरे दोस्त शुमम मे तुम्हे बहोत दिनो से एक बात केहना चाहती हू पर मे केहने से डर रही थी आज कुछ भी हो मे तुम्हे बता कर ही रहुंगी शुभम मे तुमसे बहोत प्यार करती हू पर शुभम मे ज्यादा दिन जिँदा नही रहंगी क्या की मुझे ब्रेट ह्यमर हे अगर ये सुनने के बाद तुम मुझसे प्यार करते हो तो मुझे मेरे घर मे आकर मिलो मेरे पास समय बहोत कम है मे दोडते गया पर बहोत देर हुई थी मे घर मे पोहंचा तब वो मर गयी थी मे बहोत बहोत दुःखी था आज भी मे मुझसे नारज हू I MISS MY FIRST AND LAST LOVE
Submitted By:- Shubam
pranjal
very sad
bahut achi story h apki sachi