केदारनाथ मंदिर एक अनसुलझी पहेली है !!
केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने करवाया था इसके बारे में बहुत कुछ कहा जाता है। पांडवों से लेकर आदि शंकराचार्य तक। आज का विज्ञान बताता है कि केदारनाथ मंदिर शायद 8वीं शताब्दी में बना था। यदि आप ना भी कहते हैं, तो भी यह मंदिर कम से कम 1200 वर्षों Continue Reading »
No Commentsहनुमान जी को कैसे मिला चिरंजीवी होने का आशीर्वाद, पढ़े रोचक कथा
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के सर्वोत्तम सेवक, सखा और भक्त श्री हनुमान सद्गुणों के भंडार हैं। इनकी पूजा पूरे भारत और दुनिया के अनेक देशों में की जाती है। श्री हनुमान के परम पराक्रमी सेवा मूर्ति स्वरूप से तो सभी परिचित हैं लेकिन वह ज्ञानियों में भी अग्रगण्य हैं। वह Continue Reading »
No Commentsश्री जगन्नाथ भगवान 15 दिनों तक बीमार रहते है इसके पीछे का कारण ये है..??
श्री जगन्नाथ भगवान 15 दिनों तक बीमार रहते है इसके पीछे का कारण ये है..?? बुखार अपनी चपेट में सिर्फ हम इंसानों को ही नहीं लेता बल्कि भगवान को भी इसका कष्ट उठाना पड़ता है। साल में एक बार ही लेकिन इसका शिकार तो भगवान भी होते हैं। हां आपको Continue Reading »
No Commentsआखिर श्राद्ध पक्ष होता क्या है और ये कितने प्रकार के होते हैं, पितृ पक्ष में इन गलतियों से बचना चाहिए वर्ना श्राप देते हैं पूर्वज
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य नारायण कन्या राशि में विचरण करते हैं तब पितृलोक पृथ्वी लोक के सबसे अधिक नजदीक आता है. श्राद्ध का अर्थ पूर्वजों के प्रति श्रद्धा भाव से है. जो मनुष्य उनके प्रति उनकी तिथि पर अपनी सामर्थ्य के अनुसार फलफूल, अन्न, मिष्ठान आदि से ब्राह्मण Continue Reading »
No Commentsइन दो कारणों से मनाया जाता है दशहरे का पर्व, जानिए इतिहास और महत्व
दशहरा या विजयदशमी भगवान राम की विजयी के रूप में मनाया जाता है। उत्तर भारतीय राज्यों में इस पावन पर्व को दशहरा तो वहीं पश्चिम बंगाल में इसे विजयदशमी कहा जाता है। हिंदू धर्म में दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक में मनाया जाता है। माना Continue Reading »
No Commentsजानिए शास्त्रों में पितरों का श्राद्ध कर्म करने के बारे में क्या लिखा है, क्या मिलता है फल
सर्व पितृ अमावस्या दिवंगत पितरों के प्रति श्रद्धा-सुमन एवं कृतज्ञता ज्ञापन से भरा विशिष्ट पर्व है। श्राद्ध का अर्थ श्रद्धापूर्ण व्यवहार एवं तर्पण का अर्थ तृप्त करना है। इस तरह श्राद्ध-तर्पण का अभिप्राय दिवंगत अथवा जीवित पितरों को तृप्त करने की श्रद्धा पूर्वक प्रक्रिया है। पितृ अमावस्या का समूचा कर्मकाण्ड Continue Reading »
No Commentsमहाशिवरात्रि के दिन क्या हुआ था, शिवरात्रि की कहानी
महाशिवरात्रि की कथा: परमपिता ब्रह्मा के मानस पुत्र दक्ष जब प्रजापतियों के राजा बने, तो उन्होंने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया। इसमें सम्मिलित होने के लिए तीनों लोकों के अतिथियों को न्योता भेजा गया, सिर्फ भगवान भोले शंकर को छोड़कर। भगवान शिव राजा दक्ष के जमाई थे। लेकिन दक्ष Continue Reading »
No Commentsक्यों मनाई जाती है दिवाली? रामायण से महाभारत काल तक, इन जगहों पर हैं कारण
रोशनी का त्योहार दीपावली भारतवर्ष में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पावन पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। सनातन धर्म मे दीपावली का विशेष महत्व है। दीपावली को पर्वों की माला भी कहा जाता है। क्योंकि यह पर्व केवल छोटी दीपावली और दीपावली तक Continue Reading »
No Commentsक्यों और कैसे मनाते हैं कृष्ण जन्माष्टमी, जानें इस दिन का इतिहास और महत्व
भारत में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बहुत ही धूमधाम और श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि भाई कंस के अत्याचार को कारागार में रह सह रही बहन देवकी ने भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अपनी आठवीं संतान के रूप में Continue Reading »
No Commentsजानें कैसे किया था मां दुर्गा ने राक्षस दुर्गम का वध, पढ़ें यह व्रत कथा
आज दुर्गाष्टमी है। हर माह शुक्ल पक्ष में जो अष्टमी आती है उसे मासिक दुर्गाष्टमी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत हिन्दू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। आज के दिन दुर्गा मां के भक्त उनकी पूजा करते हैं और भजन भी गाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के Continue Reading »
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